प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ को संबोधित किया। यह कार्यक्रम लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के पावन अवसर पर आयोजित हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भोपाल में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार 'महिला नेतृत्व आधारित विकास' को विकास की धुरी बना रही है। उन्होंने बताया कि 'नमो ड्रोन दीदी' योजना ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रही है और उनकी आय बढ़ा रही है। अंतरिक्ष अभियानों में आज बड़ी संख्या में महिलाएं वैज्ञानिकों के रूप में योगदान दे रही हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ महिला शक्ति के साहस का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि आज जिन 4 करोड़ घरों का निर्माण हुआ है, उनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं। यह पहली बार है जब करोड़ों महिलाएं संपत्ति की मालिक बनी हैं।
कृषि, कपास और कुटीर उद्योग को नई पहचान
प्रधानमंत्री ने बताया कि माता अहिल्याबाई ने गरीबों और वंचितों के लिए रोजगार और कृषि को बढ़ावा देने की योजनाएं चलाईं। उन्होंने कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया, जल संरक्षण के लिए तालाब बनवाए और हस्तशिल्प व वन उत्पाद आधारित कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया। महेश्वरी साड़ियों के विकास में भी उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने गुजरात के जूनागढ़ से बुनकर परिवारों को आमंत्रित कर महेश्वर में इस उद्योग की नींव रखी।
नारी सशक्तिकरण की दिशा में आयुष्मान भारत का बड़ा कदम
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले गर्भावस्था के दौरान महिलाएं आर्थिक तंगी के कारण अस्पताल जाने से बचती थीं। लेकिन अब ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत उन्हें सालाना 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता भी नारी सशक्तिकरण की महत्वपूर्ण कुंजी है। जब महिलाओं के पास अपनी आय होती है तो उनका आत्मसम्मान और निर्णय लेने की भूमिका दोनों ही बढ़ती हैं।
जनधन, मुद्रा और स्वयं सहायता समूहों से महिला शक्ति को नया बल
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2014 से पहले 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के पास बैंक खाते नहीं थे, लेकिन सरकार ने जनधन योजना के माध्यम से उनके खाते खुलवाए, जिससे अब सरकारी योजनाओं की राशि सीधे उनके खातों में पहुंच रही है।
उन्होंने कहा कि ‘मुद्रा योजना’ के तहत बिना गारंटी ऋण देने से लाखों महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ी हैं और 75% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। साथ ही, 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपनी आय के नए स्रोत बना रही हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार 3 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने के लक्ष्य पर कार्य कर रही है और अब तक 1.5 करोड़ महिलाएं इस स्तर को प्राप्त कर चुकी हैं।
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