• होम
  • MP में शुरू हुई सूर्य मित्र योजना, अब किसानों को मिलेगी सस्त...

MP में शुरू हुई सूर्य मित्र योजना, अब किसानों को मिलेगी सस्ती बिजली और रोज़गार का मौका

सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना

मध्यप्रदेश सरकार सौर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना" में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश की संभावना है, जिससे प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। मंगलवार को भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समिट में डॉ. यादव ने यह बात कही।

क्या है सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना What is Surya Mitra Krishi Feeder Yojana?

यह योजना प्रधानमंत्री कुसुम योजना का विस्तार है, जिसके तहत ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ने हेतु फीडर पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में सिंचाई हेतु 8000 पृथक कृषि फीडर और लगभग 35 लाख कृषि पंप कार्यरत हैं।

योजना के मुख्य उद्देश्य:

  • दिन में बिजली आपूर्ति: किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध कराना।
  • लोड प्रबंधन: सबस्टेशन के सभी फीडरों को 11 किलोवोल्ट स्तर पर एक साथ बिजली आपूर्ति।
  • पारेषण हानि में कमी: ऊर्जा सीधे खपत स्थल पर उपलब्ध कराना।
  • ग्रिड स्थिरता: रिएक्टिव पॉवर के उपयोग से पावर कट, लो वोल्टेज जैसी समस्याओं में कमी।
  • लागत में बचत: नए ट्रांसफार्मर व सबस्टेशन सुधार पर खर्च कम होगा।
  • सस्ती बिजली: मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध होगी।

350 से अधिक निवेशकों की भागीदारी, छोटे निवेशकों को मिलेगा अवसर:

मुख्यमंत्री ने बताया कि समिट में देश और प्रदेश से 350 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया। योजना में छोटे निवेशकों को भी जोड़ने का प्रयास किया गया है, जिससे आमजन को निवेश के अवसर मिलेंगे। यह योजना किसानों को सस्ती बिजली प्रदान करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सोलर पंप से बदलेगी किसानों की जीवनशैली: मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी तीन वर्षों में प्रदेश में 32 लाख सोलर पंप कनेक्शन लगाए जाएंगे। इससे कोयले की खपत में कमी आएगी और किसानों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा। राज्य में 9300 मेगावॉट से अधिक अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संचालित हो रही हैं।

स्थानीय निवेश और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा: मंत्री श्री शुक्ला ने बताया कि यह योजना प्रधानमंत्री के "वोकल फॉर लोकल" मिशन को बढ़ावा देगी और स्थानीय उद्यमियों को निवेश व रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 1900 सब-स्टेशनों पर 100% क्षमता के साथ परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी।

सस्ती बिजली और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम: ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से अतिरिक्त बिजली भी खरीदेगी, जिससे गांवों में स्कूल, अस्पताल जैसी सुविधाओं के लिए संसाधन जुटाए जा सकेंगे। अक्षय ऊर्जा के उपयोग से प्रदूषण भी कम होगा और भावी पीढ़ियों को स्वच्छ ऊर्जा मिल सकेगी।

फ्लोटिंग एनर्जी पार्क और रूफटॉप सोलर से होगा विस्तार: मुख्यमंत्री ने बताया कि महेश्वर में स्थापित फ्लोटिंग एनर्जी पार्क अद्वितीय है। नीमच और रीवा में भी बड़े सोलर प्लांट संचालित हो रहे हैं। वर्ष 2025 तक सभी सरकारी भवनों में सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाए जाएंगे। मोहासा बाबई में नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण की 22 इकाइयों की स्थापना से 24 हजार रोजगार सृजित होंगे। प्रधानमंत्री कुसुम-सी योजना के अंतर्गत प्रदेश को 3.5 लाख यूनिट यानी लगभग 1725 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य मिला है।

20 करोड़ का निवेश, हर जिले में सोलर प्रोजेक्ट होंगे स्थापित: मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री अमनबीर सिंह बैंस ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि 'सूर्य मित्र कृषि फीडर' योजना को प्रधानमंत्री कुसुम-सी योजना के प्रावधानों के अनुरूप लागू किया जा रहा है। इस योजना की प्रत्येक इकाई की औसतन 5 मेगावॉट क्षमता होगी, जिसमें करीब 20 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि हर जिले के चयनित सब-स्टेशन पर स्थानीय उद्यमी, निवेशक, डेवलपर और कृषक साझेदारी कर सकते हैं। यह निवेश 25 वर्षों तक आय और व्यवसाय के स्थायी अवसर उपलब्ध कराएगा, साथ ही सस्ती बिजली भी सुनिश्चित करेगा।

लेटेस्ट
khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें