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Papaya farming: पपीता की खेती पर मिलेगा 60% सरकारी अनुदान - किसान भाई अभी करें ऑनलाइन आवेदन, मौका न चूकें

पपीता की खेती
पपीता की खेती

किसान भाइयों और बहनों, अगर आप अपनी खेती से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आपके लिए सुनहरा अवसर आ गया है। बिहार सरकार ने पपीता विकास योजना 2025-26 की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों को 60% तक का सरकारी अनुदान (₹45,000 प्रति हेक्टेयर) सीधे उनके बैंक खाते में दिया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य राज्य के 22 जिलों में पपीता की खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। सबसे खास बात यह है कि अनुदान डीबीटी (DBT) के जरिए सीधे लाभार्थी के खाते में भेजा जाएगा, जिससे किसी भी तरह की बिचौलिया समस्या नहीं होगी।

यह योजना निम्नलिखित 22 जिलों में लागू की जाएगी:

भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, पूर्णियाँ, सहरसा, समस्तीपुर, मधुबनी एवं वैशाली।

भूमि और लाभ की सीमा: एक किसान को न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) तथा अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) भूमि पर योजना का लाभ दिया जाएगा।

अनुदान और इकाई लागत:

  1. पपीता की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर इकाई लागत ₹75,000 निर्धारित है।
  2. 2×2 मीटर पौधों की दूरी के अनुसार प्रति हेक्टेयर 2,500 पौधों की आवश्यकता होगी।
  3. भारत सरकार के निर्देशानुसार 40% और राज्य योजना से अतिरिक्त 20% टॉप-अप मिलाकर कुल 60% अनुदान (₹45,000 प्रति हेक्टेयर) प्रदान किया जाएगा।

यह अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा:

  1. पहली किस्त: कुल अनुदान का 60% अर्थात ₹27,000 प्रति हेक्टेयर।
  2. शेष राशि बाद में निर्धारित शर्तों के अनुसार दी जाएगी।

पात्रता शर्तें:

  1. आवेदन करने वाले किसान के पास भूमि स्वामित्व का प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है।
  2. यह प्रमाण-पत्र दो वर्ष के भीतर की अधतन राजस्व रसीद / ऑनलाइन अधतन रसीद / वंशावली में से कोई एक होना चाहिए।
  3. गैर-रैयत किसानों को एकरारनामा (Agreement) के आधार पर योजना का लाभ मिलेगा।
  4. यदि आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व / राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो वंशावली दस्तावेज़ संलग्न करना आवश्यक होगा।
  5. एकरारनामा का प्रारूप योजना की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसे डाउनलोड किया जा सकता है।

महिला भागीदारी: कृषक चयन में हर वर्ष 30% महिला भागीदारी सुनिश्चित करने का विशेष प्रयास किया जाएगा।

भुगतान प्रक्रिया: अनुदान की राशि डीबीटी कार्यक्रम के तहत SNA SPARSH पोर्टल के माध्यम से सीधे लाभार्थियों को दी जाएगी।

ऑनलाइन आवेदन की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले किसान बिहार उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. ‘Scheme’ सेक्शन चुनें: होमपेज पर मौजूद “Scheme (योजना)” सेक्शन पर क्लिक करें।
  3. फल से संबंधित योजना पर जाएं: इसके बाद “फल से सम्बंधित योजना” (Fruit Related Scheme) लिंक पर जाएं।
  4. पपीता विकास योजना (MIDH) चुनें: यहाँ पर उपलब्ध योजनाओं की सूची में से “पपीता विकास योजना” का चयन करें। 
  5. ऑनलाइन आवेदन विकल्प चुनें: योजना के पेज पर पहुंचने के बाद “ऑनलाइन आवेदन” (Online Application) पर क्लिक करें।
  6. किसान पंजीकरण / लॉगिन करें: यदि किसान पहली बार आवेदन कर रहे हैं, तो उन्हें पहले नया पंजीकरण (New Registration) करना होगा।

पपीता विकास योजना 2025-26 किसानों के लिए न केवल आय बढ़ाने का अवसर है, बल्कि उन्हें आधुनिक बागवानी तकनीकों से परिचित कराने का भी माध्यम है। योजना का लाभ लेने के लिए किसान समय रहते ऑनलाइन आवेदन करें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ सही तरीके से अपलोड करें। याद रखें, योजना में महिला किसानों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है और अनुदान सीधे DBT के माध्यम से आपके बैंक खाते में आएगा।

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