मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि को लाभकारी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में, ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए MSP पर मूंग और उड़द बेचने हेतु 19 जून से पंजीयन प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए किसानों को अपनी फसल की जानकारी, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भू-अधिकार पुस्तिका और अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा। बटाईदार किसानों को सिकमी अनुबंध की प्रति भी लगानी होगी। बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी बैंक में ही मान्य होगा।
भारत सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा ग्रीष्मकालीन फसलों की MSP दरें तय की गई हैं। मूंग के लिए ₹8682 प्रति क्विंटल और उड़द के लिए ₹7400 प्रति क्विंटल तय किया गया है। प्रदेश में इस वर्ष मूंग का अनुमानित रकबा 14.35 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 20.23 लाख मीट्रिक टन है, जबकि उड़द का रकबा 0.95 लाख हेक्टेयर और उत्पादन 1.24 लाख मीट्रिक टन आंका गया है।
प्रदेश के 36 जिलों में मूंग और 13 जिलों में उड़द की कटाई मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक की जाती है। इन जिलों में सरकारी एजेंसियों द्वारा उपार्जन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां किसानों की उपज खरीदी जाएगी।
फसल की गुणवत्ता, भुगतान और निगरानी व्यवस्था:
सरकार द्वारा तय गुणवत्ता मानकों के अनुसार ही फसल की खरीदी होगी। किसानों को उपार्जन केंद्र पर कंप्यूटराइज्ड रसीद दी जाएगी जिसमें नाम, बैंक खाता और भुगतान राशि का विवरण होगा। भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाएगा। यदि परिवहन एजेंसी फसल नहीं ले जाती है तो जिला स्तरीय समितियां वैकल्पिक व्यवस्था करेंगी और लापरवाही पर पेनाल्टी भी लगेगी।
किसानों की सुविधा के लिए खास इंतजाम: उपार्जन केंद्रों पर किसानों के बैठने के लिए छायादार स्थान, पीने का पानी, शौचालय, प्राथमिक उपचार सुविधा, और फसल की गुणवत्ता जांच के उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन केंद्रों पर अधिक खरीदी की संभावना है, वहां अतिरिक्त कर्मचारियों और डिजिटल उपकरणों की व्यवस्था रहेगी।
कृषि मेलों और उन्नत तकनीक से भी मिलेगा लाभ: मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कृषि मेलों का आयोजन कर रही है जिससे किसानों को उन्नत बीज, कृषि यंत्र और तकनीकी जानकारी प्राप्त हो सके। साथ ही राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम किया जा रहा है ताकि ग्रामीण युवाओं को रोजगार और किसानों को फसल का बेहतर मूल्य मिल सके।
निष्कर्ष: किसानों को मिलेगा सीधा लाभ यह निर्णय किसानों के लिए लाभकारी होगा क्योंकि इससे न केवल उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा बल्कि बिचौलियों से भी राहत मिलेगी। समर्थन मूल्य पर खरीदी की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और किसानों को बिना किसी परेशानी के भुगतान मिलेगा। सरकार का उद्देश्य है कि किसान आत्मनिर्भर बनें और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
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