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टमाटर, प्याज, आलू पर केंद्र की नई योजना, परिवहन लागत सरकार उठाएगी, TOP फसलों पर राहत योजना की घोषणा

TOP फसलों पर राहत योजना का ऐलान
TOP फसलों पर राहत योजना का ऐलान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के छठवें दिन महाराष्ट्र के पुणे जिले के नारायणगांव में किसानों से संवाद किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), नारायणगांव, टमाटर मंडी, एपीएमसी बाजार और स्थानीय खेतों का दौरा कर किसानों से बातचीत की तथा कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का निरीक्षण किया।

16,000 कृषि वैज्ञानिक अब किसानों के बीच जाकर करें कार्य:

कार्यक्रम के दौरान श्री चौहान ने कहा कि देश के लगभग 16,000 कृषि वैज्ञानिकों को केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें खेतों में जाकर किसानों की समस्याओं को समझना और समाधान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि और कृषि क्षेत्र के विकास के बिना विकसित भारत की कल्पना अधूरी है।

नकली खाद-कीटनाशकों पर बनेगा सख्त कानून: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे व्यक्तियों या कंपनियों के खिलाफ सख्त कानून लाने जा रही है, जो नकली खाद या कीटनाशक बनाकर किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस तरह की आपराधिक गतिविधियों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।

टमाटर, प्याज, आलू बेचने पर किसानों को राहत:

श्री चौहान ने टमाटर, आलू और प्याज जैसी TOP फसलों के लिए नई मार्केट इंटरवेंशन स्कीम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगर किसान इन फसलों को अधिक मूल्य मिलने वाले किसी अन्य राज्य में बेचते हैं, तो परिवहन लागत का वहन केंद्र सरकार करेगी। यह योजना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध पर लागू की जाती है ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की जा सके।

जलवायु परिवर्तन पर चिंता, क्षेत्रीय कृषि रोडमैप तैयार होगा:

कृषि मंत्री ने जलवायु परिवर्तन को कृषि क्षेत्र के लिए गंभीर चुनौती बताया और वैज्ञानिकों से ऐसी फसल किस्में विकसित करने को कहा, जो अधिक तापमान और असमय बारिश जैसी आपदाओं से सुरक्षित रह सकें। उन्होंने टमाटर और अंगूर की लंबी शेल्फ लाइफ वाली किस्मों और कृषि प्रसंस्करण पर अनुसंधान की आवश्यकता पर भी बल दिया। साथ ही, उन्होंने क्षेत्रवार कृषि रोडमैप तैयार करने की बात कही, जिसे केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लागू करेंगी।

किसानों ने रखीं MSP और सुविधाओं से जुड़ीं समस्याएं: किसानों ने अपनी समस्याएं भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखीं, जिनमें MSP, असमय वर्षा से फसल नुकसान, जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, बीज व उपकरणों की समय पर उपलब्धता, कोल्ड स्टोरेज और एग्री-प्रोसेसिंग केंद्रों की जरूरत जैसी मुद्दे शामिल रहे।

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