बिहार सरकार ने राज्य में अंजीर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए “अंजीर फल विकास योजना” की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक फल उत्पादन से जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाना है। योजना के तहत किसानों को पौधरोपण से लेकर देखरेख तक के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
अंजीर की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को बिहार के 32 जिलों में लागू किया जा रहा है।
इन जिलों में शामिल हैं:
पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जमुई, जहानाबाद और अरवल।
खेती के लिए न्यूनतम और अधिकतम क्षेत्र:
किसान इस योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) भूमि पर अंजीर की खेती के लिए प्राप्त कर सकते हैं।
अनुदान की राशि:
इस योजना के तहत किसानों को अंजीर की खेती के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी —
यह सहायता राशि किसानों के DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) पंजीकृत बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी।
पात्रता और ज़रूरी दस्तावेज:
महिलाओं और विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षण:
लाभुकों का चयन निम्न अनुपात में होगा —
प्रत्येक श्रेणी में 30% लाभ महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा।
पौध रोपण सामग्री की आपूर्ति: अंजीर की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाली पौध रोपण सामग्री की आपूर्ति ई-टेंडर या चयनित एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:
पहले से पंजीकृत किसान सीधे लॉगिन कर आवेदन भर सकते हैं।
किसानों के लिए सुझाव: