एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत वर्ष 2025-26 में निजी क्षेत्र के लिए छोटी नर्सरी स्थापित करने पर सरकार प्रति हेक्टेयर ₹20 लाख की लागत में से 50% यानी अधिकतम ₹10 लाख की आर्थिक मदद देगी। किसान भाइयों और नव-उद्यमियों के लिए यह योजना सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम है। तो देर किस बात की? अगर आपके पास ज़मीन है और आप फलदार पौधों की नर्सरी शुरू करने की सोच रहे हैं, तो अभी जानिए – क्या है आवेदन की प्रक्रिया, किन दस्तावेजों की जरूरत है, और कैसे मिलेगा अनुदान।
इस योजना का लाभ राज्य के ऐसे इच्छुक व्यक्ति उठा सकते हैं जो फलदार पौधों की नर्सरी की स्थापना करना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए एक शर्त है कि आवेदक का पंजीकरण DBT पोर्टल पर होना अनिवार्य है। साथ ही, भूमि के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज या वंशावली प्रमाणपत्र भी देना जरूरी होगा। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाणपत्र भी जमा करना होगा।
जमीन से जुड़ी शर्तें Land related conditions:
छोटी नर्सरी की स्थापना के लिए 0.4 हेक्टेयर से 1 हेक्टेयर तक की भूमि की आवश्यकता होगी। यह भूमि ग्राम सड़क के समीप और जलजमाव रहित होनी चाहिए। इसके अलावा, नर्सरी स्थल पर पानी की व्यवस्था (जैसे ट्यूबवेल, पम्पिंग सेट और बिजली कनेक्शन) पहले से मौजूद होना जरूरी है। यदि भूमि पर मिट्टी भराई की आवश्यकता है, तो उसका खर्च आवेदक को खुद उठाना होगा।
योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 20 लाख रुपये की लागत मानी गई है, जिसमें से 50% यानी ₹10 लाख की राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी। यह सब्सिडी दो किस्तों में दी जाएगी —
कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
आवेदन कैसे करें?
छोटी नर्सरी की स्थापना के लिए आवेदन करने के इच्छुक आवेदकों को सबसे पहले बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय की वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in/) पर जाना होगा। यहां “छोटी नर्सरी की स्थापना हेतु आवेदन करें” लिंक पर क्लिक कर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। साथ ही वेबसाइट से मॉडल प्रोजेक्ट भी डाउनलोड कर उसमें आवश्यक विवरण भरकर अपने जिला उद्यान पदाधिकारी को समर्पित करना होगा।
अधिक जानकारी कहाँ से प्राप्त करें?
इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के जिला उद्यान पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर भी विस्तृत दिशा-निर्देश और सहायता उपलब्ध है।
ये भी पढ़ें... कैसे शुरू करें नर्सरी बागवानी, जानिए