देशभर के कई राज्यों में मानसूनी गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं। अब मध्यप्रदेश में भी मानसून की दस्तक जल्द सुनाई देने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार राज्य में मानसून सामान्य से पहले और सक्रिय रूप में पहुंचने की संभावना है।
देश में मौसम पूर्वानुमान को लेकर बड़ी पहल की गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को घोषणा की कि अब मौसम का पूर्वानुमान पंचायत स्तर तक उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल कृषि से लेकर सार्वजनिक सुरक्षा तक के विभिन्न क्षेत्रों में भारत की पूर्वानुमान क्षमताओं को मजबूत करेगी।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, मध्यप्रदेश में मानसून दक्षिणी हिस्से से प्रवेश करेगा और इस बार यह काफी सक्रिय रहेगा। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि प्रदेश में सामान्य से अधिक यानी करीब 106% बारिश हो सकती है, जो औसतन करीब 40 इंच वर्षा के बराबर होगी। इससे पहले अप्रैल में भी इसी तरह का अनुमान जताया गया था।
आईएमडी के डीजीएम डॉ. एम. महापात्रा और एमओएस सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने बताया है कि इस वर्ष देश के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। यह किसानों और जल संरक्षण के दृष्टिकोण से एक सकारात्मक संकेत है।
जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग में सबसे अधिक बारिश की उम्मीद: मौसम पूर्वानुमान के अनुसार इस बार मानसून 8 से 10 दिन पहले ही मध्यप्रदेश में दस्तक दे सकता है। खासकर जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग में सर्वाधिक बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, नर्मदापुरम और रीवा संभाग में भी अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।
कृषि क्षेत्र को मिलेगा लाभ; मौसम विभाग के इस अनुमान से राज्य के किसान समुदाय को बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि पर्याप्त बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई और उत्पादन में मदद मिलेगी। साथ ही जलस्तर बढ़ने से जल संकट की स्थिति भी नियंत्रित की जा सकेगी।
6 किमी रिज़ॉल्यूशन वाला नया मॉडल तैयार; IMD ने अपने पूर्वानुमान तंत्र को और अधिक सटीक बनाने के लिए एक नया हाई-रेजोल्यूशन मॉडल विकसित किया है। अब तक 12 किमी की स्थानिक रेंज पर काम कर रहा पूर्वानुमान तंत्र, अब 6 किमी के स्तर पर स्थानीय मौसम की जानकारी देने में सक्षम होगा। इसका मतलब है कि अब मौसम संबंधी सूचनाएं और चेतावनियां और भी ज्यादा स्थानीय और सटीक होंगी।
जन सुरक्षा से लेकर कृषि तक होगा लाभ: यह हाई-रेजोल्यूशन मॉडल कई क्षेत्रों में निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाएगा। इससे आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, परिवहन, बुनियादी ढांचा, कृषि और जन सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में समय रहते फैसले लेने और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।
विश्वस्तरीय प्रणाली बनेगा भारत का BharatFS: आईएमडी के अनुसार, यह नया सिस्टम, जिसे BharatFS नाम दिया गया है, दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्लोबल न्यूमेरिकल वेदर प्रेडिक्शन सिस्टम (NWP) होगा, जो इतने उच्च रिज़ॉल्यूशन पर काम करेगा। यह भारत के मौसम पूर्वानुमान क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
सटीक पूर्वानुमान से बढ़ेगी तैयारी और बचाव क्षमता: इस अत्याधुनिक मॉडल की मदद से मौसम की चेतावनियां और भी सटीक होंगी, जिससे तैयारी, बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी। साथ ही, किसानों को बेहतर कृषि योजनाएं बनाने में भी मदद मिलेगी और ग्रामीण इलाकों में जलवायु आधारित निर्णय लेना आसान होगा।
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