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दिल्ली में खरबूजे के रेट ने मचाया धमाल, 23 मई को कीमतें ₹5000 तक पहुंचीं – जानें अन्य राज्यों का हाल

खरबूजे
खरबूजे

किसान भाइयों और व्यापारियों के लिए आज की सबसे बड़ी खबर! 23 मई को दिल्ली की प्रमुख फल मंडियों में खरबूजे के रेट ने जबरदस्त छलांग लगाई। कुछ मंडियों में ये ₹5000 प्रति क्विंटल तक बिका – जो इस सीजन का अब तक का सबसे ऊंचा रेट माना जा रहा है।
गर्मी की तपिश के साथ-साथ खरबूजे की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, और उसी का सीधा असर टुडे मंडी भाव पर देखने को मिल रहा है। दिल्ली में जहां खरीदारों की होड़ लगी रही, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र जैसे बड़े उत्पादक राज्य की कई मंडियों में हालात ठीक इसके उलट रहे।
ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो गया है कि लेटेस्ट मंडी प्राइस किन क्षेत्रों में किसानों के पक्ष में हैं और कहां फसल बेचने से फिलहाल नुकसान हो सकता है।

इस रिपोर्ट में पढ़ें:

  • दिल्ली और महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों में खरबूजे के ताज़ा भाव
  • कहां मिल रहा है किसानों को सबसे ज्यादा लाभ
  • किन मंडियों में अभी रुकना ही बेहतर होगा

सही जानकारी से ही सही निर्णय लिए जा सकते हैं। इसलिए मंडी जाने से पहले इस रिपोर्ट को जरूर पढ़ें और अपनी मेहनत का पूरा मूल्य पाएं।

महाराष्ट्र की मंडियों में खरबूजे का भाव (23 मई 2025):

मंडी का नाम आवक (टन में) वैरायटी न्यूनतम मूल्य (₹/क्विंटल) अधिकतम मूल्य (₹/क्विंटल)
अमरावती (फल व सब्जी बाजार) 13.5 अन्य 1200 1600
छत्रपति संभाजीनगर 8 अन्य 500 1400
मुंबई (फल बाजार) 73.6 अन्य 2500 3500
नासिक 2 अन्य 800 1800
पुणे (मांजरी) 0.4 अन्य 2000 2500
राहाटा 0.1 अन्य 900 1000
श्रीरामपुर 0.3 अन्य 600 800
सोलापुर 43.4 अन्य 300 1000

 

महाराष्ट्र में भावों में भारी असमानता, कहीं 300 तो कहीं 3500 रुपये: महाराष्ट्र की विभिन्न मंडियों में खरबूजे के भावों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। सोलापुर मंडी में जहां न्यूनतम भाव केवल 300 रुपये प्रति क्विंटल रहा, वहीं मुंबई फल मंडी में यही भाव 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। इससे यह साफ है कि बाजार में वैरायटी, गुणवत्ता और डिमांड के अनुसार दामों में भारी अंतर बना हुआ है।

छोटे शहरों की मंडियों में कमजोर भाव, किसानों को चिंता: राहाटा, श्रीरामपुर और छत्रपति संभाजीनगर जैसी मंडियों में खरबूजे की कीमतें 500 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बनी रहीं। छोटे किसानों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि लागत निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है। फसल की गुणवत्ता अच्छी होने के बावजूद खरीदारों की कमी से दाम नीचे बने हुए हैं।

कुल मिलाकर बाजार में अस्थिरता बरकरार: देशभर की मंडियों में खरबूजे के भावों में भारी अंतर यह दर्शाता है कि अभी बाजार पूरी तरह स्थिर नहीं हुआ है। जहां एक ओर बड़े शहरों की मंडियों में दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं छोटे शहरों के किसान औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। मौसम, गुणवत्ता और मांग की असमानता के चलते आने वाले दिनों में भी ऐसे उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।

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