बिहार सरकार के कृषि विभाग ने बागवानी फसलों में कीट प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, किसानों को उनके बगीचों और फसलों में कीट-व्याधियों के नियंत्रण के लिए सब्सिडाइज्ड रेट पर छिड़काव की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना के तहत आम, अमरूद, लीची, केला और पपीता जैसे फलों की फसलों को शामिल किया गया है। किसानों को 50 से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी, जिससे उन्हें कीट प्रबंधन के लिए कम खर्च करना पड़ेगा। सरकार की ओर से अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से अनुशंसित कीटनाशकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
आम के वृक्षों में कीट और फ्रूट ड्रॉप की समस्या के समाधान के लिए किसानों को पहले छिड़काव पर 57 रुपये प्रति वृक्ष और दूसरे छिड़काव पर 72 रुपये प्रति वृक्ष की दर से 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। लीची में पहले छिड़काव के लिए 162 रुपये प्रति वृक्ष और दूसरे छिड़काव के लिए 114 रुपये प्रति वृक्ष की सब्सिडी मिलेगी।
केला और पपीता किसानों के लिए लाभ: बिहार सरकार किसानों फसल और बागवानी की खेती करने के लिये प्रेरित कर रही है, जिसमें केला और पपीता के पौधों के लिए इस योजना के तहत पहले छिड़काव पर 50 प्रतिशत या 2150 रुपये प्रति एकड़ और दूसरे छिड़काव पर 50 प्रतिशत या 2000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी तय की गई है।
आवेदन प्रक्रिया: किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस योजना के तहत पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक छिड़काव सेवा प्रदाताओं द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप होगा।
निष्कर्ष: बिहार सरकार की यह योजना बागवानी फसलों में कीट प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसानों को अपने बगीचों और फसलों को स्वस्थ और उत्पादक बनाने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
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