मूंग-उड़द की MSP पर खरीदी
By khetivyapar
पोस्टेड: 18 Jun, 2025 12:00 AM IST Updated Wed, 18 Jun 2025 10:56 AM IST
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी फसलों का वाजिब मूल्य दिलाने की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। इसके तहत किसानों का पंजीयन 19 जून 2025 से प्रारंभ होगा।
प्रधानमंत्री के विजन पर डबल इंजन सरकार कर रही काम:
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। राज्य सरकार कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाना सरकार की प्राथमिकता है।
मूंग और उड़द के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य:
- ग्रीष्मकालीन मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य: ₹8,682/क्विंटल
- उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य: ₹7,400/क्विंटल
यह मूल्य भारत सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा निर्धारित किए गए हैं। प्रस्ताव में पंजीयन प्रक्रिया, गुणवत्ता मानक, परिवहन, भुगतान और प्रचार-प्रसार की विस्तृत कार्ययोजना भी शामिल है।
प्रदेश में मूंग-उड़द की अच्छी पैदावार की संभावना:
- मूंग: 36 जिलों में कटाई, संभावित रकबा 14.35 लाख हेक्टेयर, उत्पादन 20.23 लाख मीट्रिक टन
- उड़द: 13 जिलों में कटाई, संभावित रकबा 0.95 लाख हेक्टेयर, उत्पादन 1.24 लाख मीट्रिक टन
पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- बैंक खाता संख्या (राष्ट्रीयकृत या जिला सहकारी बैंक)
- आईएफएससी कोड
- भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की स्वप्रमाणित प्रति
- बटाईदारों के लिए सिकमी अनुबंध की प्रति
उपार्जन, भुगतान और निगरानी:
- उपार्जन एजेंसियां किसानों को कम्प्यूटरीकृत रसीद जारी करेंगी जिसमें नाम, खाता विवरण और देय राशि शामिल होगी।
- फसल का उपार्जन भारत सरकार द्वारा तय एक समान विनिर्दिष्टियों के अनुसार होगा।
- सहकारी संस्थाएं, विपणन संघ, वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन को जिम्मेदारी दी जाएगी।
- जिला स्तर पर अमले को गुणवत्ता परीक्षण का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- फसलों के कम दाम पर विक्रय से रोकने के लिए प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाएगा।
गोदाम तक मूंग-उड़द पहुँचाने की प्रक्रिया तय:
- उपार्जित फसल को गोदाम तक पहुंचाने के लिए परिवहनकर्ता नियुक्त किए जाएंगे।
- यदि निर्धारित वाहन सेवा विफल होती है तो जिला समिति वैकल्पिक व्यवस्था करेगी।
- विलंब पर संबंधित एजेंसी के विरुद्ध पेनाल्टी लगाई जाएगी।
किसानों के लिए उपार्जन केंद्रों पर सुविधाएं:
- छायादार प्रतीक्षा स्थल, शुद्ध पेयजल, शौचालय और फर्स्ट एड बॉक्स
- फसल गुणवत्ता जांच के लिए उपकरणों की व्यवस्था
- केंद्र पर प्रदर्शित बैनर में एफएक्यू मापदंड और भुगतान विवरण
- जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त स्टाफ, लैपटॉप, प्रिंटर और बैटरी की व्यवस्था
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