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कृषि मंत्री का ऐलान: मक्का-धान, लीची और चिवड़ा को मिलेगा वैश्विक बाजार, उत्पादन में होगी बढोतरी

कृषि मंत्री का ऐलान
कृषि मंत्री का ऐलान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के अंतर्गत बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के पिपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों से संवाद किया। इससे पहले वे ओडिशा, जम्मू, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों से भी संवाद कर चुके हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसान समृद्ध नहीं होंगे, तब तक विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा।

कोल्ड स्टोरेज बढ़ेगा, लीची की गुणवत्ता बनी रहेगी:

उन्होंने लीची उत्पादकों से विशेष संवाद किया और लीची के 48 घंटे में खराब होने की समस्या को गंभीरता से लिया। उन्होंने आईसीएआर वैज्ञानिकों को इस पर अनुसंधान कर लीची की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के निर्देश दिए, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके। साथ ही, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को बढ़ाने की बात भी कही।

बिहार में मक्का उत्पादन में जबरदस्त उछाल:

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री की नीतियों के कारण बिहार में मक्का उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हुई है। एथेनॉल उत्पादन शुरू होने से मक्के की मांग और कीमतें बढ़ी हैं। जहां पहले मक्का ₹1200–₹1500 प्रति क्विंटल बिकता था, अब इसकी कीमतें और उत्पादन – दोनों में वृद्धि हुई है, जो अब 50–60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच चुका है।

बासमती और अन्य धान किस्मों के लिए उन्नत बीज होंगे विकसित: उन्होंने वैज्ञानिकों को बासमती व अन्य धान किस्मों के उन्नत बीज विकसित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि 20% कम पानी की आवश्यकता वाली और 30% अधिक उत्पादन देने वाली दो नई धान किस्में हाल ही में विकसित की गई हैं।

फल, सब्जी और फूलों के उत्पादन को बढ़ावा: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार बिहार में फल, सब्जियों और फूलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि देश के 1.45 अरब लोगों को पर्याप्त पोषण मिल सके। कहा कि नकली कीटनाशकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि फर्जी रसायन बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

किसानों से संवाद कर रहे 16,000 वैज्ञानिक: उन्होंने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' को प्रयोगशालाओं और खेतों के बीच की दूरी मिटाने वाला अभियान बताया। इसके तहत 16,000 वैज्ञानिक गांवों में जाकर किसानों से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने 'वन नेशन – वन एग्रीकल्चर – वन टीम' का मंत्र देते हुए कहा कि किसानों की समृद्धि के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी और बिहार के चिवड़ा (flattened rice) के अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा।

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