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किसानों को खेतों में रासायनिक उर्वरक की जगह जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। इससे जमीन की उर्वरक क्षमता बनी रहेगी साथ ही लोगों तक प्रदूषण मुक्त आनाज पहुंचेगा। अक्सर किसान केले के पेड़ के अवशेष को बेकार समझ खेत में ही छोड़ देते हैं। इससे पर्यावरण तो खराब तो होता ही है साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता को नुकसान पहुंचता है। इस स्थिति से बचने के लिए किसान केले छिलकों से जैविक खाद बनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
केले के छिलकों से बनाने के लिये छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इसके बाद इन टुकड़ों को पानी में 15 से 20 मिनट तक उबालें। छिलकों को पानी से निकालने के बाद उन्हें किसी कंटेनर में डालकर एक महीने के लिये छोड़ दें। फिर आप देखेंगे कि करीब एक माह बाद केले के छिलकों से जैविक खाद बनकर तैयार हो जायेगी। बचे हुए पानी को आप किसी भी खाद के साथ प्रयोग कर सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान: केले के छिलकों में बहुत अधिक कार्बोहाइड्रट होता है, इसलिये फंगस लगने की संभवना भी बढ़ जाती है। ध्यान रखें कि बारिश के दिनों और ठंड के मौसम में केले के छिलके की खाद का इस्तेमाल न करें। कुछ लोग केले के छिलकों को सीधे गमले में डाल देते हैं, ऐसा करने से केले के छिलकों को मिट्टी में मिलने में बहुत समय लगता है, आप प्राकृतिक खाद के रूप में गमले की मिट्टी में केले के छोटे-छोटे टुकडे डाल सकते हैं, लेकिन अगर धूप न हो तो ऐसा करने से बचें।