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अपेक्षा
खेतीव्यापार आधुनिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

₹9,000

अपेक्षित उपज

24.5 क्निंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

₹66,000

पारम्परिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

₹ 12,000

अपेक्षित उपज

20 क्निंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

₹48,500

जलवायु (Climate)
  • गेहूँ की फसल रबी की फसल है, जो अक्टूबर-नवम्बर में बोई जाती है और अप्रैल के अंत में कटाई की जाती है।
  • इसके लिये नर्म जलवायु आवश्यक है।
  • इस फसल के लिए आवश्यक रूप से धूप और पानी की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।
तापमान (Temperature)
  • गेहूँ की फसल के लिए उपर्युक्त तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस आवश्यकता होती है।
  • गेहूँ की फसल बढ़वार के लिए 27 डिग्री सेन्टीग्रेड से अधिक तापमान होने पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और पौधों की सुचारू रूप से बढवार नहीं हो पाती है क्योंकि तापमान अधिक होने से अधिक ऊर्जा की क्षति होती है जिसका फसल उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
  • गेहूँ की फसल में फूल आने के समय कम तथा अधिक तापमान हनिकारक होता है।
जलमांग (Water Requirement)

इस फसल की जलमांग 460 से लेकर 670 मिलीमीटर की होती है।

मिट्टी (Soil)
  • गेहूं की फसल को बोने के लिए क्षारीय पृकृति की भूमि की बेहतर होती है। हालांकि इस फसल की खेती सभी प्रकार की मिट्टी मे की जा सकती है।
  • चिकनी मिट्टी गेहूं के लिए उपयुक्त होती है।
  • चिकनी मिट्टी जिसकी जलधारण क्षमता बेहतर हो वह  गेहं की फसल के बेहतर होती है।

 

पीएच मान (pH Value)

  • आवश्यक पीएच 6.0-7.0 के बीच हो तब गेहं की फसल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • अगर पीएच 6.0 से कम है तब चुना डालें।
  • अगर पीएच 7.0 से ज्यादा हो तब जिप्सम डालें।
बीजदर (Seed Rate)
  • कतार बद्ध तरिके से बूवाई करने के पर 35 से 40 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है।
  • अगर बूवाई छिटकवा विधि से बूवाई करते है तब 45 से 55 किलोग्राम प्रति एकड़ में  बीज की आवश्यकता है।
  • अगेती बूवाई के लिए 40 से 45 किलोग्राम व पछेती बूवाई के लिए लगभग 50 किलोग्राम प्रति एकड़ से बूवाई कर सकते है।

प्रमुख किस्में

निफाड-34

  • समयकाल 95 से 100 दिन
  • यह किस्म देरी से बुवाई के लिए बेहतर है।
  • उपज 14.5 क्विंटल प्रति एकड़ ।

एनआयडब्ल्यू 301 (त्र्यंबक)

  • समयकाल 95 से 100 दिन
  • समय पर बुवाई के लिए बेहतर है।
  • उपज 16 से 17.5 क्विंटल प्रति एकड़।

एनआयडब्ल्यू – 917 (तपोवन)

  • समयकाल 105 से 110 दिन
  • समय पर बुवाई के लिए बेहतर है।
  • उपज 14.5 क्विंटल प्रति एकड़।


एमेएसीएस – 6222

  • समयकाल लगभग 100 दिन
  • समय पर बुवाई के लिए बेहतर है।
  • उपज 14.5 क्विंटल प्रति एकड़।

एनआयडब्ल्यू – 34

  • समयकाल लगभग 95 दिन
  • समय पर बुवाई के लिए बेहतर है।
  • उपज 13.5 क्विंटल प्रति एकड़।
     
भूमि की तैयारी (Preparation of Soil)
  • धान के खेती में पडलिंग विधी होने के कारण भूमि सख्त हो जाती है जिस कारण भूमि को आवश्यकता पड़ने पर दो या अधिक बार जूताई की जा सकती है।
  • भूमि को मिट्टी पलट हल से जुताई करें।
  • भूमि में 2 टन प्रति एकड़ के अनुसार गोबर खाद व कंपोस्ट बैक्टरिया 2 किलोग्राम के अनुसार आप भूमि मिली सकते है।
  • उपयुक्त मिश्रण को भूमि में मिलाने के लिए खेत में रोटावेटर चलाए। जिससे भुमि समतल हो व बीज उचित ढंग से अंकुरित हो।
बूआई (Sowing)
  • गेहूं की बूवाई धान की बाद की जाती है तब बूवाई का उपयुक्त समय अक्टूबर माह के अंत तक बूवाई कर सकते है।
  • अगर बूवाई में देरी हो व भूमि सिंचित हो तो नवम्बर तक बूवाई की जा सकती है।

सिंचित और समय पर बुवाई (Irrigated & Early Sowing)

  • समय पर बूवाई पर दो पंक्ति के बीच 18 से 20 सेमी व गहराई 5 सेमी पर बूवाई करे। 

    
सिंचित पछेती बुवाई (Irrigated & Late Sowing)

  • देरी से बूवाई पर दो पंक्ति के बीच  15 से18 सेमी व गहराई 4 सेमी पर बूवाई करे।

खाद और उर्वरक प्रबंधन (Manure Fertilizer Management)

  • गेहूं के बूवाई के समय  48:24:6 एन:पी:के किलो/एकड़

बुवाई के वक्त उर्वरक-

  • 52 किलो यूरिया का प्रयोग करे।
  • 50 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट का प्रयोग करे।
  • 27 किलो म्युरेट ऑफ पोटास का प्रयोग करे। 

बुवाई के 2 दिनों के बाद

  • यूरिया- 52 किलो का प्रयोग करे।

    
सिंचित और पछेती बुवाई के लिए अच्छी (Irrigated & Late Sowing)

  • गेहूं के बूवाई के समय  32:6:6 एन:पी:के किलो/एकड़।

    
बुवाई के वक्त उर्वरक-

  • 34.5 किलो यूरिया का प्रयोग करे
  • 27 किलो म्युरेट ऑफ पोटास  का प्रयोग करे।


बुवाई के 2 दिनों के बाद जब पौधे बन रहे हो।

  • यूरिया- 34.5 किलो यूरिया का प्रयोग करें। 

    
असिंचित बुवाई (Unirrigated sowing)

  • गेहूं के बूवाई के समय    6:8:00 एन:पी:के किलो/एकड़

बुवाई के वक्त उर्वरक-

  • यूरिया- 35 किलो
  • सिंगल सुपर फॉस्फेट- 50 किलो
  • दाने भरने के समय- 2% यूरिया का छिडकाव कर सकते है।
सिंचाई (Irrigation)
  • सतही सिंचाई(FLOOD MATHOD) से सिंचाई आप 14 से 20 दिन के अंतराल में कर सकते है।
  • गेहूं की खेती में 6 महत्वपुर्ण चरण होते है।
  • जिसमें महत्वपुर्ण चरण जड़ निकलने वाली अवस्था जो 18 से 21 दिन में आती है।
  • बाली बनने की अवस्था जो फुटाव चरण कहते है यह 45 दिन में आती है।
  • पुष्पण की अवस्था यह बूवाई के 60 दिन के बाद आती है।
  • दाना भरने की अवस्था में आवश्यकता अनुसार सिंचाई कर सकते है।
  • फसल पकने के समय हल्की सिंचाई कर सकते है।
  • जिन क्षेत्रों में पानी की कमी है वहा पर न्युनतम तीन सिंचाई आवश्यक है। लेकिन उपज में 25 से 30 प्रतिशत तक गिरावट हो सकती है।
खरपतवार प्रबंधन (Weed Management)
  • बुवाई के बाद 3 दिन के भीतर खरपतवारनाशी का छिड़काव करें।
  • रसायन  एट्राज़िन 400.0 ग्राम/एकड़या पेंडीमेथालिन .0 लिटर/एकड़
  • गैहूं की बूवाई के 30 दिन के अंतराल में पुन:  रसायन का छिड़काव करें।
  • जब खेत में चौड़ी पत्ति वाले खरपरवार नजर आए तब 2,4-डी 400.0 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।
कटाई (Harvesting)

बुवाई के 110 से 120 अंतराल में जब फसल पूरी तरह पक जाए तब फसल की कटाई कर ले।

उत्पादन (Yeild)
  • सिंचित किस्में- 18-20 क्विंटल प्रति एकड़।
  • असिंचित- 5 से 6 क्विंटल प्रति एकड़।