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अपेक्षा
खेतीव्यापार आधुनिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

17,000 रु.

अपेक्षित उपज

24 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

65,000 रु.

पारम्परिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

22,000रु.

अपेक्षित उपज

18 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

50,000 रु.

जलवायु (Climate)
  • धान की फसल मुख्य रूप से खरीफ की फसल है।
  • लेकिन सिंचाई की उपलब्धता के आधार पर भारत में इस फसल को तीनों ऋतुओं में बोया जाता है।
  • यह एक ऐसी फसल जिसे गर्म और नर्म जलवायु  की आवश्यकता होती है।
  • यह फसल धुप व पानी की अधिकता पर अनुकूलता दर्शाती है।

तापमान (Temperature)

  • धान की फसल के लिए औसतन 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस जरूरी होता है।
  • फसल की सहनशीलता उच्च तापमान पर भी होती है। जो कि 42 डिग्री सेल्सियस तापमान का तापमान में भी निर्वहन कर सकता है।
  • अलग अलग अवस्थाओं पर निम्नलिखीत तापमान की आवश्यक होता है।
  • अंकुरण के समय 10 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
  • पुष्पन के समय 23 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
  • फूल लगने के समय 26 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
  • दाना बनने समय 21 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
  • फसल पकने के समय 25 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।

फसल की जलमांग (Water Requirement)

  • चुकिं यह वर्षा ऋतु की फसल है जिसमें यह बारिश पर निर्भर होती है। जिसमें बुआई से कल्ले निकलने की अवस्था तक अधिक जल पानी की आवश्यकता होती है।
  • इस फसल के लिए 750 मिमी से 850 मिमी जल की आवश्यकता होती है।
  • दाना बनने के समय हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है।

सिंचाई ( Irrigation)

आमतौर पर धान की फसल में बाढ़ विधी द्वारा सिचाईं की जाती है।

भूमि (Soil)
  • धान की फसल के लिए अच्छी जलधारण वाली दोमट मृदा उपयुक्त होती है।
  • यह चिकनी मिट्टी में भी अच्छी वृद्धि करती है।

पीएच (Ph)

  • धान की फसल के भूमि का पीएच 5 से लेकर 8 होना चाहिए।
  • अगर पीएच 5 से कम है तो भूमि में चुने का प्रयोग करें। 
  • अगर पीएच 5 से अधिक है तो भूमि में जिप्सम का प्रयोग करें। 
प्रमुख किस्में (Variety)

इंद्रायणी

  • जीवनकाल - 140 दिन
  • विशेषता – लम्बे व पतले दाने वाली किस्म।
  • उपज – 19 क्विंटल प्रति एकड़

फुले मावल

  • जीवनकाल – 120 से 130 दिन
  • विशेषता – लम्बे व मोटे दाने वाली किस्म।
  • उपज – 19 क्विंटल प्रति एकड़।

सुगंधा

  • जीवनकाल – 115 से 120 दिन।
  • विशेषता – लम्बे व मोटे दाने वाली किस्म।
  • उपज – 18 क्विंटल प्रति एकड़।

सह्याद्री

  • जीवनकाल – 135 से 140 दिन
  • विशेषता – लम्बे व पतले दाने व अधिक उपज वाली किस्म।
  • उपज – 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़।
नर्सरी का तैयारी (Preparation of nursery)
  • धान की नर्सरी की बुआई से पुर्व में 3 क्विंटल तक गोबर खाद व लगभग 1 किलो गोबर खाद मिलाए।
  • एक एकड़ फसल में रोपाई के लिए 1/10 भाग की आवश्यकता होती है।
  • नर्सरी की चौड़ाई 1.25 मीटर हो व ऊंचाई 10 सेमी ऊंची होनी चाहिए।

बीज दर (Seed Rate)

  • सामान्य किस्म के लिए बीजदर 35 से 40 किलो प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है।
  • सामान्य किस्म के लिए बीजदर 35 से 40 किलो प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है।

संकर किस्म के लिए बीजदर 15 से 20 किलो प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है।

भूमि की तैयारी (Preparation of Field)
  • बारिश होने से 15 दिन पुर्व मिट्टी पलट हल से जुताई करें।
  • भुमि में गोबर खाद 2 टन व कंपोस्ट बेक्टेरिया – 2 किलोग्राम खेत में मिलाए।
  • उपयुक्त सामग्री के अपघटन के लिए 10 से 15 दिन खुला छोड़ दें।
  • खेत को समतल बनाने के लिए खेत में रोटावेटर चलाए।
रोपाई (Plantation)
  • डेपोग नर्सरी से तैयार पौधे 12 से 14 दिन में तैयार हो जाते है।
  • सामान्य नर्सरी के लिए 25 से 35 दिन में तैयार हो जाते है।
  • जब पौधे की ऊंचाई 12 से 15 सेमी होने पर फसल प्रत्यारोपण के लिए तैयार हो जाते है।
  • एक साथ दो पौधे लगाए जिससे कल्ले अधिक निकलें।
खाद और उर्वरक (Manure & Fertilizer)

सामान्य किस्मों के लिए

  • धान की फसल के लिए कुल NPK का अनुपात 40:20:20 प्रति एकड़ है।
  • बुवाई के समय खेत में 35 किलो यूरिया, 125 किलो सिंगल सूपर फॉस्फेट और 33 किलो म्युरेंट ऑफ पोटास दे। 
  • बुवाई के 30 दिनो के अंतराल में 35 किलो यूरिया दें।
  • बुवाई के 60 दिनो के अंतराल में 18 किलो यूरिया दें।

संकर किस्मों के लिए

  • धान की फसल के लिए कुल NPK का अनुपात48:20:20 प्रति एकड़ है।
  • बूवाई के समय में 52 किलों यूरिया, 125 किलो सिंगल सूपर फॉस्फेट और 33 किलो म्युरेंट ऑफ पोटास दे। 
  • बुवाई के 30 दिनो के अंतराल में 26 किलो यूरिया दें।
  • बुवाई के 60 दिनो के अंतराल में 26 किलो यूरिया दें।
कटाई (Harvesting)

जब 110 दिनो के बाद फसल जब भी सुनहरी होने लगती है। बालियां परिपक्व हो जाए, तब फसल को काट लें।