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अपेक्षा
खेतीव्यापार आधुनिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

17,000 रु.

अपेक्षित उपज

58 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

88,000 रु.

पारम्परिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

20,000 रु.

अपेक्षित उपज

45 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

67,000 रु.

जलवायु (Climate)
  • यह हर प्रकार की जलवायु में वृद्धि करने वाली फसल है।
  • यह मुख्य रूप जायद यानि ग्रीष्म ऋतु की फसल है।

तापमान (Temperature)

  • 21 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान मक्के के उपयुक्त होता है।
  • फसल के अंकुरण के समय 22 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है।
  • मक्के की फसल ठंड के प्रति असहिष्णु है। मतलब यह ठंड पड़ने पर अपनी वृद्धि धीमी, अंकुरण में कमी और फसल पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।

फसल की जलमांग (Water Requirement)

  • मक्का ग्रीष्म ऋतु की फसल है। अत: यह कम पानी चाहने वाली फसल है।
  • फसल को अंकुरण के समय व भुट्टे बनने की अवस्था में सिंचाई की आवश्यकता होती है।
  • फसल की कुल जलमांग 550 से 750 मिमी  है।

सिंचाई (Irrigation)

  • बाढ़ विधी से आवश्यकता पड़ने पर सप्ताह के अंतराल सिंचाई करें।
मिट्टी (soil)
  • मक्के की फसल के लिए रेतीली दोमट मिट्टी बेहतर होती है।
  • भुमि की उपजाऊ क्षमता बेहतर होनी चाहिए।
  • भुमि बेहतर जल निकास वाली होनी चाहिए।

भुमि का पीएच (PH of Soil)

  • मक्के की फसल के भुमि का पीएच 6.0 से 7.5 आवश्यक है।
  • अगर भुमि का पीएच 6 से कम है अर्थात् अम्लीय भुमि है तब मिट्टी में चुना मिलाए।
  • अगर भुमि का पीएच 7 से अधिक है अर्थात् क्षारीय भुमि है तब मिट्टी में जिप्सम मिलाए।
प्रमुख किस्में (Major variety)

माधुरी

  • जीवन काल - 80 दिन
  • विशेषता - कम समय में पकने वाली किस्में
  • उत्पादन – 7.5 क्विंटल प्रति एकड़
  • मौसम – खरीफ (जिसकी बुवाई जून में हो)

 प्रिया

  • जीवन काल - 88 दिन
  • विशेषता - कम समय में पकने वाली किस्में
  • उत्पादन – 9.5 क्विंटल प्रति एकड़
  • मौसम – रबी (जिसकी बुवाई अक्टूबर में हो)

मंजरी

  • जीवन काल - 100 दिन
  • विशेषता – मध्यम समय में पकने वाली किस्म
  • उत्पादन – 18 से 20 क्विंटल प्रति एकड़
  • मौसम –  रबी (जिसकी बुवाई अक्टूबर में हो)

शुगर 75

  • जीवन काल – 85 दिन
  • विशेषता – कम समय में पकने वाली किस्म
  • अधिक उपज देने वाली किस्म
  • उत्पादन – 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़
  • मौसम –  हर प्रकार के मौसम के प्रति अनुकूल (खरीफ, रबी और जायद)
भुमि की तैयारी (Preparation of soil)
  • भुमि की स्थिति के अनुसार जुताई करें।
  • भुमि में अगर पुर्व में धान या गेहूं की फसल काटी गई हो तो मिट्टी पलट से दो बार जुताई करें।
  • खेत जैविक खाद का प्रयोग करें।
  • एफ. वाय. एम. 2 से 2.5 टन व खाद बैक्टिरिया 2 से 3 किलो तक मिलाए।
  • मिट्टी में खाद मिलने या अपघटन के लिए 10 दिन के लिए खुला छोड़ दें।
  • खाद को भूमि में अच्छी तरह मिलाने के लिए रोटावेटर को प्रयोग कर भूमि को समतल कर लें।
  • मेढ़ को सुविधा अनुसार ऊंची व चौड़ी कर लें।
बीजदर (Seed Rate)
  • सामान्यत: मक्के की फसल में 7 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है।
  • हायब्रीड फसल के लिए 4 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होती है।

बुवाई (Sowing)

  • बुवाई के लिए बीज को 4 सेमी गहराई पर बोया जाता है।
  • प्रत्येक छेद में दो बीज डाले।
  • पौधो की बीच की दूरी (Plant to Plant) – 1 फूट
  • कतार के की बीच दूरी ( Row to Row) – 2  फूट
अंतराशस्य़ क्रियाएं (Interculture Operation)

बुवाई के 3 दिन में

  • चयनित खरपतवारों के लिए व संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए एट्राजिन 400 ग्राम प्रति एकड़ में छिड़काव करें। 

     अथवा

  • पेंडामेथालिन 1 लीटर प्रति एकड़ में छिड़काव करें।  

बुवाई के 30 दिन बाद

  • चौड़ी खरपतवार के लिए 2,4डी रसायन को 400 मिली प्रति एकड़ के अनुसार छिड़काव करें।
  • समय समय पर निराई – गुड़ाई करते रहे।
कटाई (Harvesting)
  • मक्का की फसल 70 से 120 दिन के भीतर फसल कटने को तैयार हो जाती है।

 उत्पादन (Yield)

  • फसल उपयुक्त अवस्था में 18 से 32 क्विंटल प्रति एकड़ के अनुसार उपज मिलती है।