गोबर खाद को 2-3 महीने तक सड़ने दें।
खेत की जुताई में खाद को मिट्टी में मिलाएं।
खेत में हल्की नमी हमेशा बनाए रखें।
फसल के अनुसार गोबर खाद की मात्रा तय करें।
जैविक और रासायनिक खाद का संतुलन रखें।
केंचुआ खाद बनाकर उपयोग करें, असर दोगुना होगा।