प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल उपज मॉडलिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के उपयोग पर आधारित राष्ट्रीय स्तर का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 7 से 9 अप्रैल 2025 तक भोपाल स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा, भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में तकनीकी विकास को बढ़ावा देना और AI व ML तकनीकों को फसल बीमा प्रक्रिया में प्रभावी रूप से लागू करना है।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को SVM, Random Forest, Neural Network, CNN, XGBoost जैसे AI मॉडल्स और डीप लर्निंग तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (ISRO, हैदराबाद), मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल और महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र, नई दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया जाएगा।
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को रिमोट सेंसिंग तकनीक के माध्यम से सटीक फसल उपज अनुमान की दक्षता प्रदान करना है। यह प्रशिक्षण फसल बीमा दावों के निपटान में पारदर्शिता बढ़ाने और तकनीक आधारित समाधान को कृषि व्यवस्था में मजबूती से लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से सशक्त हो रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश वर्ष 2022 से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है। इस कार्य में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (ISRO), कृषि विभाग (मध्यप्रदेश शासन) और एमपीएसईडीसी की सक्रिय भूमिका है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने फसल बीमा योजना में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को सफलतापूर्वक लागू किया है। यही नहीं, परिषद राजस्थान सरकार के कृषि विभाग के लिए भी तकनीकी पार्टनर के रूप में कार्य कर रही है।