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आहार-2025 में खाद्य सुरक्षा और नवाचार पर जोर, भारतीय उत्पादों को मिलेगी वैश्विक पहचान

आहार-2025
आहार-2025

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान ने "आहार-2025" का उद्घाटन किया और कहा कि हर देश की खाने की मेज पर कम से कम एक भारतीय उत्पाद जरूर होना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर "वर्ल्ड फूड इंडिया 2025" की भी घोषणा की, जो 25 से 28 सितंबर 2025 के बीच आयोजित होगा।

खाद्य सुरक्षा और नवाचार पर गहन चर्चा:

आहार-2025" के दौरान खाद्य प्रसंस्करण, गुणवत्ता और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। MoFPI के सचिव डॉ. सुब्रत गुप्ता ने किसानों को रसायनों के अत्यधिक उपयोग से बचने और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सलाह दी। उन्होंने रैपिड टेस्टिंग किट्स और डिजिटल ट्रेसबिलिटी जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया, जिससे भारतीय खाद्य उद्योग को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी।
NIFTEM-K के निदेशक डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय ने कहा कि Blockchain, IoT और AI जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग खाद्य सुरक्षा और ट्रेसबिलिटी को मजबूत करेगा।

फूड स्टार्टअप्स और स्मार्ट तकनीकों पर ध्यान:

Nestlé R&D सेंटर के निदेशक डॉ. जगदीप मराहर ने फूड स्टार्टअप्स और नवाचारों के अवसरों और चुनौतियों पर बात की। कार्यक्रम में IIT-गुवाहाटी, Tetra Pak, FSSAI, Coca-Cola India जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रतिनिधियों ने खाद्य प्रसंस्करण, स्मार्ट पैकेजिंग और स्वचालित तकनीकों पर अपने विचार साझा किए।

मुख्य निष्कर्ष:

  1. वैश्विक खाद्य मानकों के साथ भारत के नियमों को मजबूत करने पर जोर।
  2. किसानों को टिकाऊ खेती और खाद्य सुरक्षा पर जागरूक करने की आवश्यकता।
  3. Blockchain, AI और IoT जैसी तकनीकों से खाद्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर फोकस।
  4. स्वदेशी खाद्य परीक्षण किट विकसित करने की पहल।
  5. खाद्य सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए उद्योग और नियामकों के बीच सहयोग।

MoFPI और NIFTEM-K ने भारत को सुरक्षित और टिकाऊ खाद्य प्रणाली में वैश्विक नेतृत्व दिलाने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है।

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